White चांदनी से रात बतियाने सहेली आ गयी कुछ मुंडेरों के मुक़द्दर में चमेली आ गयी पैर भी सुस्ता लिये, आँखों ने भी दम ले लिया ज़िंदगी की राह में, दिल की हवेली आ गई झाँकता है हर कोई ऐसे दिल-ए-नाशाद में जैसे आंगन में कोई दुल्हन नवेली आ गई बोझ कंधों का उतर कर गिर गया जाने कहाँ जब मेरे सिर पे बुज़ुर्गों की हथेली आ गई तीरगी का ख़ौफ़, सन्नाटे की दहशत थी मगर इक किरण सूरज की धरती पर अकेली आ गयी ©Deepbodhi #GoodMorning 'दर्द भरी शायरी' दोस्ती शायरी दोस्ती शायरी शायरी वीडियो