ज़ेहन ने कुछ सोचा,तो इक बात लिखते है', गुज़रे दिनों के चंद लम्हात लिखते है',!! सब ही की तरह शायद तुमने अल्फ़ाज़ ही पढ़े होंगे', वरना हम हर बात में जज़्बात ही लिखते है',!! ज़िंदगी, ख़ुशी, हँसी सब एक ही लब्ज़ में है, "माँ" को देख, सारी कायनात लिखते है..❤️',!! ™¶§šB¶शु§भ¶ ज़ेहन ने कुछ सोचा,तो इक बात लिखते है', गुज़रे दिनों के चंद लम्हात लिखते है',!! सब ही की तरह शायद तुमने अल्फ़ाज़ ही पढ़े होंगे', वरना हम हर बात में जज़्बात ही लिखते है',!! ज़िंदगी, ख़ुशी, हँसी सब एक ही लब्ज़ में है, "माँ" को देख, सारी कायनात लिखते है..❤️',!!