तेरे बिन जीने की आदत तो डाल ली हमने पर कम्बख्त तेरी यादें जीने नहीं देती तू जो बारिश की बूंदों सा बसा है मेरे रोम रोम में ये मुझे मरने भी नहीं देती। #बारिश की बूंदों सा