अंधकार की रातों को जब तक तू भूल नहीं जाता। दिन के धूप में भी सुकून के मोती तू ढूँढ नहीं पाता। बुरी यादों के जनाज़े अगर तेज चलते रहते हैं मन में, चोट से उभरे, सुख-चैन कभी भी तू लूट नहीं पाता । ✍️साई नलिनी ©Nalini Sai