कहीं कोई मेरा भी अपना होगा इस शहर की भीड़ में सब कुछ तो पल भर में बदल रहा है क्या हवा क्या पानी तो बदलती बहती धारा से कैसी उम्मीद जहाँ अपनों की लाशें जला आया हूँ वहाँ फिर कैसे कोई सपना सजाउं बस अब तो येही सोचता हूँ मेरा भी जीने की वजह का कहीं तो आशियाँ होगा। ❤ प्रतियोगिता- 333 ❤आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 👉🏻🌹"कहीं तो आशियाना होगा"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I