मुझे चाह नहीं, इश्क की आदत है पर क्या करें हमें डूबने की आदत है तू अपनी खूबसूरती का हुनर न ज़ाया कर मैं तेरे ख्वाब का हासिल हूं मैं तेरी सांस का झोंका हूं मैं लम्हा हूं मैं जज़्बा हूं मैं आइना हूं मुझे तो टूटने की आदत है सन्नाटे का शोर और अपनी सांसों में तेरी आहट दोनों सुनने से अब, डर लगने लगा है शायद तेरा वो अधूरा ख़्वाब हकीकत बनने लगा है! ~ Drishti ________________________ #fallingforyou #hearmeifyoucan #QSstitchonpic1981 #yqbaba #quotestitchers #YourQuoteAndMine Collaborating with Quote Stitchers