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वो स्वर थे मधुर, वो ताल था जबरदस्त, मोहम्मद रफ़ी न

वो स्वर थे मधुर, वो ताल था जबरदस्त, मोहम्मद रफ़ी ने सबको दी थी धड़कन की आस, जिस तरह से वे गाते थे, सबके दिलों में घुस जाते थे, कभी नहीं भूल सकते हम उनके संगीत के जादू को जो सबको भाते थे।

कभी उठाते थे वो जीते जी जीवन के सवाल, उनकी आवाज़ में था वो उच्चतम रचनाकार का मंच हमेशा खुला, उन्होंने दिया संगीत को नई दिशा, नया समान, उनकी आवाज़ की आस ने हमें कभी नहीं किया था निराश।

अब भी सुनाई देती है उनकी आवाज़ गमों की गहराइयों से, जो आता था उनके संगीत से, उसमें था जीवन का नया मीठा सा सूख, मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ में था सबकुछ, धुन, ताल और जज़्बात, उनके संगीत से बदल जाते थे हमारे सपने और हमारी आस।

©Lalit
  #Rafi
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Lalit

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