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'हम जैकेट नहीं, ऊन हैं तुम्हारी मोहब्बत की' न हुआ

'हम जैकेट नहीं, ऊन हैं तुम्हारी मोहब्बत की'

न हुआ करो नाराज हमसे,
चाहे भले ही दो चार बातें 
सुना लिया करो हमें।

हम जानबूझ नहीं दुखाते तुम्हारा दिल,
अगर बाहर से नहीं तो,
अपने दिल से सुन लिया करो हमें।

कहते हैं कि दिल की बातें दिल ही समझता है,
होती हैं दफन इसकी बातें इसी में,
इसी से सच्चा प्यार उपजता है।

हम जैकेट नहीं, ऊन हैं तुम्हारी मोहब्बत की
होने पर नाराज उधड़वा तो मनाने पर तुम्हें ,
मन चाहा स्वेटर लिए अपने बुनवा लिया करो हमें।

न हुआ करो नाराज हमसे,
चाहे भले ही दो चार बातें,
सुना लिया करो हमें।

हम जानबूझ नहीं दुखाते तुम्हारा दिल,
अगर बाहर से नहीं तो 
अपने दिल से सुन लिया करो हमें।

©Ravindra Singh 'हम जैकेट नहीं, ऊन हैं तुम्हारी मोहब्बत की...
'हम जैकेट नहीं, ऊन हैं तुम्हारी मोहब्बत की'

न हुआ करो नाराज हमसे,
चाहे भले ही दो चार बातें 
सुना लिया करो हमें।

हम जानबूझ नहीं दुखाते तुम्हारा दिल,
अगर बाहर से नहीं तो,
अपने दिल से सुन लिया करो हमें।

कहते हैं कि दिल की बातें दिल ही समझता है,
होती हैं दफन इसकी बातें इसी में,
इसी से सच्चा प्यार उपजता है।

हम जैकेट नहीं, ऊन हैं तुम्हारी मोहब्बत की
होने पर नाराज उधड़वा तो मनाने पर तुम्हें ,
मन चाहा स्वेटर लिए अपने बुनवा लिया करो हमें।

न हुआ करो नाराज हमसे,
चाहे भले ही दो चार बातें,
सुना लिया करो हमें।

हम जानबूझ नहीं दुखाते तुम्हारा दिल,
अगर बाहर से नहीं तो 
अपने दिल से सुन लिया करो हमें।

©Ravindra Singh 'हम जैकेट नहीं, ऊन हैं तुम्हारी मोहब्बत की...