किताबो के पन्हे भी रोने लगे..... ना खोला बहोत दिनोसे ...... महसुस कर रहें शब्द भी बैठा दो कही पे...... जींदगी का मजा या सजा कहे वक्त ना रूकता...... बैठने को कहा तो दुर भागा...... मन मे ठुकराये शब्द भी मेरे लगने लगे..... ना लिखने को बचा तो नया ले आये..... मन नहीं होता बैठके सोचने लगु..... किसी को भी अपना कहु...... पास मेरे शब्द बहोत पडे ऊन्हे ढुंढ लावु..... सो गए बेचारे किसीको जगाऊ..... बातो मे ही बहोत सारी पंक्ति समा जाती...... चाहीए तुही संग नहीं रहती...... देन भी ऐसी मेरे मौला की जींदगी की खुशी.... बस बैठना रोज ही शब्दों को बाते ऊची..... देखो मेरे तरफ एक बार लिखु तुम्हे.. समज लेना हमे भी कभी कबार..... जींदगी जीओ शान से ...... लिख देना शब्द भी पन्हो पे..... Teddy jindagi...... #yqmemories #yqhindi #yqfeelings #books #likers #newlife #selfmotivation