घर की बेटी, दो कुल की तारन उस नारी का सम्मान करो। जिस मां की कोख से जन्म लिया, उस को शत बार प्रणाम करो॥ उस मां के चरणों में करो नमन, जिसने दिया तुमको जन्म। जिससे जो कुछ पाया तुमने, उसको कर दो सब कुछ अर्पण ॥ जिसे फिक्र तुम्हारे हर पल की, उसके हर पल का तुम ध्यान रखो। जिस बेटी का समर्पित जीवन तुमको, उस बेटी को हर पल प्यार करो॥ घर की बेटी, दो कुल की तारन। उस नारी का सम्मान करो। जिस मां की कोख से जन्म लिया, उस को शत बार प्रणाम करो ॥ . . . . . . केशव पाठक ✍️ beti: Ghar ki laxmi