बचपन और नानी का घर बचपन और नानी के घर बड़ा याद आते है छोटे थे तो नानी के घर से वो आचार का डब्बा ले आते थे कहीं खत्म ना हो जाए इसलिए थोड़े थोड़े कर के बहुत दिन तक खाते थे.. गर्मियों की छुट्टियां ही हमारी ट्रिप होती थी वो ट्रिप कहीं और नहीं नानी का घर हुआ करती थी नानी के घर जाने पे हमको मेरी मां के नाम से जानते थे बड़े होकर ये लगता है नौकरी आदि के चक्कर में कहीं सिमट गए है उस बचपन से कहीं दूर चले गए है याद आता है वो बचपन के बिताए पल जिसमें बहुत सारी मस्ती और थोड़ी डांट भी हुआ करती थी मां के डाटने पे रो दिया करते थे फिर थोड़े से लालच और लाड प्यार देकर नानी मना लिया करती थी यहीं है हमारे बचपन कि ट्रिप और नानी के घर की कुछ यादें.. @Rakesh Sonker #Bachpan #NaaniKaGhar #NojotoShayari #Quotes #Nani #Yaaden #Nojoto #Childhood 😊❤️