छोड़ दिये उसने यूं कश लगाने... जाते-जाते वो इता सा वादा ले गई... (शेष अनुशीर्षक में) सत्य घटना #इश्क़ #जिंदगी #सिगरेट #कश बचपन की दोस्ती कब प्यार में बदल गई,पता ही नहीं चला..साथ पढ़ना ,साथ घूमना ,साथ सपने देखना.. और आखिर मंगनी भी हो गई...बस उसको मेरी सिगरेट की आदत पसंद न थी.बहुत कोशिश की , छोड़ी भी ,पर कश मुझे न छोड़ पाया... बातों बातों में बात चली,इतनी बात बढ़ गई कि मैंने गुस्से में उससे न मिलने की कसम खा ली... शायद मेरा 'मैं' आ गया.. उसने बहुत फोन किये ,पर हमेशा कट कर दिये.. बहुत परेशान हालात में मुझसे मिलने चल पड़ी,किस्मत को कुछ और मंजूर था...स्कूटी बस से टकरा गई...और... हास्पिटल में अटक अटक कर मुझसे मेरा कश मांग गई...और मैं बस.... आ जाओ लौटकर ये दिल कह रहा है... सत्य घटना पर आधारित....