गुरू की कल्पना ही क्या करें, जो विद्यालय की पईया ही परे, उठा जो बचपन के उंजियारे, बिठा दिया अनपढ़ कह मारे, घर बाहर के सुन कर मल्हरें, गवाए, पढ़ने की ललक मरे, गंवाए लक्ष्यों की पूर्ति करे, कदम मिलाने निकलते घरे, घाव मिले जग में बहुत गहरे, बयां करते जो आते प्रखरें। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 📚प्रतिवर्ष ५ सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए भारतभर में शिक्षक दिवस ५ सितम्बर को मनाया जाता है। 'गुरु' का हर किसी के जीवन में बहुत महत्व होता है। समाज में भी उनका अपना एक विशिष्ट स्थान होता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा में बहुत बहुत विश्वाश रखते थे। इस अवसर पर सभी रचनाकारों को रचना का सार..📖 मंच की ओर से शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं..😊🙏💐🎁 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-71 में स्वागत करता है..🙏🙏