मुझे परेशान देख वो एक उम्मीद दे जाता है पीठ थपथपा कर मेरी वो मुझे हौसला दे जाता है कहने को कोई रिस्ता नही है मेरा उसका ..फिर भी .. बड़ी ख़ामोशी से वो हर रिस्ता निभा जाता है । rrk