Nojoto: Largest Storytelling Platform

आँखे सिर्फ देखती ही नहीं , आँखे बोलती भी है ; यह स

आँखे सिर्फ देखती ही नहीं ,
आँखे बोलती भी है ;
यह सुनती भी है 
ईशारों-ईशारों में बात कह देती है ।

किसी के बिछड़ने पर रोती भी है 
तो किसी के हँसने पर हंसती भी है ।

शर्माती भी है यह ,गुस्सा भी हो जाती है 
रूठती भी है कभी ,और कभी मनाती भी है  
 ये आँखें है जनाब ;ये सब कर्तब दिखती भी है ।
 
सपने बुन कर ;सपने दिखती है ,
और सपने टूटे अगर तो शौक मनाती भी है ।
 तो कभी सपनो को पूरा करने कि ;
ज़िद पर भी आड़ जाती है 
ये आँखे है जनाब ;ये कर्तब दिखती है ।

©@Sushilkumar_Sushil
  #आँखे