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कदमो की आहट सुनते ही मैं पीछे मुड़ा.. वो तुम थे,

कदमो की आहट  सुनते ही
मैं पीछे  मुड़ा..

वो तुम थे, और तुम्हारे लौट ते कदम  थे

कभी  हमसफर थे तुम मेरे

मगर साये ही मेरे सच्चे हम दम थे

©H.k
harvindersingh6467

H.k

Bronze Star
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#Shayari

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