हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं, एक तरफ तो हम लोग हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं! और दूसरी तरफ हम लोग खुदा से यह सवाल भी पूछते रहते हैं, कि "ऐ खुदा, क्या कभी हम भी पंख की तरह उड़ सकते हैं?" खुदा- "मेरे प्यारे बच्चों, तुम लोग तब तक ना उड़ सकोगे, जब तक तुम लोग ख़्वाहिशों को छुट्टी ना दोगे!" _बधाई हो छुट्टी की by रोहित थपलियाल एक तरफ तो हम लोग हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं! और दूसरी तरफ हम लोग खुदा से यह सवाल भी पूछते रहते हैं, कि "ऐ खुदा, क्या कभी हम भी पंख की तरह उड़ सकते हैं?"