बलात्कारी को दण्ड..... ऐसा दण्ड मिले कि जिससे, रहें काँपते ख़्वाब में, उनका नहीं इलाज़ मिलेगा, मोमिन तेरी क़िताब में, जो भी बलत्कार करने में, ज़रा नहीं सकुचाते हैं, उन हरामजादों को ज़िन्दा, नहला दो तेज़ाब में।।