मैंने चाहा था जो, वो मालिक ने न दिया, जो दिया वो मालिक ने चाहा था। वो स्नेह से पूर्ण माता पिता का साया, नेह से भरी जीवनसाथी की छाया, खिलखिलाता फूल बगिया में प्यारा, संगी साथियों का सहारा, घर बाहर सब जगह जीवन का उजियारा, ये मेरे चाहने से नहीं हुआ है,, ये तो परमपिता की दया है। हाँ, उस परमपिता को मैंने चाहा था। एक ख़्वाहिश एक सपना एक लक्ष्य एक ज़िन्दगी #मैंनेचाहा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi