जलवायु परिवर्तन की गहरा की समस्या को देखते हुए दुनिया की कई देश जीवांश इन दिनों पर अपनी निर्भरता को चरणबद्ध तरीके से घटाने के लिए प्रयासरत रहते हैं कुछ विकसित देशों में 2030 20 में 2040 तक कोयला निर्धारित योजना के लिए वित्त पोषण रोकने का फैसला किया है जबकि 70 देशों ने कोयला उपयोग बंद करने का संकल्प लिया है इसके अलावा 11252 ऑयल एंड गैस और तेल एवं गैस से नामक एक अन्य संगठन की घोषणा की है जिसमें आयरलैंड फ्रांस जैसे देश शामिल है गठबंधन की समाप्ति के लिए एक समय सीमा तय करेगा इसी कड़ी में भारत में स्थापित करने का कर लिया है और जरूरत होगा लगभग 80% से प्राप्त होता है उनको में कार्बन की मात्रा अधिक होती है जैसे कोई विरोध नहीं किया जा सकता इनका उत्पादन प्राकृतिक रूप से और लाखों करोड़ों वर्ष की जैविक प्रक्रिया के फल स्वरुप होता है यह संभव प्राकृतिक के होते हैं इसलिए इसके समिति उपयोग पर बल दिया जाता है जिससे इन दिनों के अंदर दोनों इस्तेमाल से वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसों का संक्रमण बढ़ जाता है जो वायुमंडल का औसत तापमान बढ़ने के लिए जिम्मेदार होता है जिसे हमें ग्लोबल वार्निंग कहते हैं ©Ek villain #ग्लोबल वार्मिंग से निपटने की पहल #Nojoto