शायरी का हक़दार फ़क़त चांद ही नहीं हैं ग़ुरूब-ए-आफ़्ताब का मंज़र भी दिल-फ़रेब होता है ©अरफ़ान भोपाली #Qala #फ़रेब #इश्क़ #शायरी #Poet