बस्ती बस्ती घोर उदासी,पर्वत पर्वत खालीपन। मन हीरा बेमोल लुट गया,घिस घिस रीता तनचंदन। इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीजे गजब की है, एक तो तेरा भोलापन है,एक मेरा दीवानापन । बस्ती बस्ती घोर उदासी,पर्वत पर्वत खालीपन। मन हीरा बेमोल लुट गया,घिस घिस रीता तनचंदन। इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीजे गजब की है, एक तो तेरा भोलापन है,एक मेरा दीवानापन ।