सुनो, ख़्वाबों के आँगन पर एक पुल है जो आसमान तक जाता है थोड़ा संकरा जरूर है मगर पुख्ता है बस, थोड़ा सा हौंसला और चुटकी भार ज़ुर्रत साँसों में भार कर, कदम दर कदम बढ़ते चले जाओ काफ़िर हवाएं, कई बार, पैरों के पते लूटेंगी सर्द मौसम, हाथों का हुनर, काटेंगे लू बन कर के सहरा से मरासिम सारे तुझको, तेरे टुकड़ों में कई बाँटेंगे मगर तू गुमशुदा सी रह पर चलती रहना आईना धूप से मलती रहना हथेली पर सनद ज़िद भी तुझ से हारेगी ताबीर वो ख़्वाबों की तुझ पर वारेगी वो किरणों से लिखी इबारत 15.. ख़्वाबों का पुल #kavishala #tassavuf #hindinama #wokirnoselikhiibarat #wo_kirano_se_likhi_ibarat #kiranTh #वो_किरणों_से_लिखी_इबारत #ख़्वाबों_का_पुल #khwabon_ka_pul