Nojoto: Largest Storytelling Platform

राजनीतिवेता आखिर क्यों देश का नहीं बस सोच पाते है

राजनीतिवेता आखिर  क्यों देश का नहीं बस सोच पाते हैं,
क्यों  स्वहित  ही  उन  के  लिए  हमेशा  अग्रणी रहता है।

शायद हम  में  से  भी  कुछ  बस अपना ही सोच पाते हैं,
जनता में  ही  फूट  डाल कर  बस  लड़ाया  ही  जाता है।

फिर  ठीक  से  उस  का  बस  फायदा  उठाया  जाता है,
हर बार  कोई न कोई मुद्दा राजनीति का बनाया जाता है।

राजनीति ही  की वजह  से दो  टुकड़े  बस  कर  जाते हैं,
बस सालों  साल  दुश्मनी  निभाने  के लिए छोड़ जाते हैं।

क्यों दूसरों  की सोचें, वो तो  बस  समय बिताने आते हैं,
किसी को  कुछ भी हो, बस राजनीति  चमकाने आते हैं।

हर  परिस्थिति  हो,  बस  कीचड़   ही  उछाला  जाता है,
कभी वहाँ धरना, कभी यहाँ धरना बस यही तो आता है।

अपने ही  घर  में  फूट डाल  बस तमाशा  देखने आते हैं,
सेना ही   सुरक्षित  नहीं, साधारण   लोग  घबरा  जाते हैं।

सरकारों की  राजनीति  बस खेल  अपना  खेल जाती है,
चाहे सम्मानित हुए शहीद, सुरक्षा पर सवाल उठ जाते हैं।

राजनीतिवेता आखिर  क्यों देश का नहीं बस सोच पाते हैं,
क्यों  स्वहित  ही  उनके  लिए  हमेशा  अग्रणी  रह जाते हैं।

     शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि।

राजनीतिवेता आखिर  क्यों देश का नहीं बस सोच पाते हैं,
क्यों  स्वहित  ही  उन  के  लिए  हमेशा  अग्रणी रहता है।

शायद हम  में  से  भी  कुछ  बस अपना ही सोच पाते हैं,
जनता में  ही  फूट  डाल कर  बस  लड़ाया  ही  जाता है।
राजनीतिवेता आखिर  क्यों देश का नहीं बस सोच पाते हैं,
क्यों  स्वहित  ही  उन  के  लिए  हमेशा  अग्रणी रहता है।

शायद हम  में  से  भी  कुछ  बस अपना ही सोच पाते हैं,
जनता में  ही  फूट  डाल कर  बस  लड़ाया  ही  जाता है।

फिर  ठीक  से  उस  का  बस  फायदा  उठाया  जाता है,
हर बार  कोई न कोई मुद्दा राजनीति का बनाया जाता है।

राजनीति ही  की वजह  से दो  टुकड़े  बस  कर  जाते हैं,
बस सालों  साल  दुश्मनी  निभाने  के लिए छोड़ जाते हैं।

क्यों दूसरों  की सोचें, वो तो  बस  समय बिताने आते हैं,
किसी को  कुछ भी हो, बस राजनीति  चमकाने आते हैं।

हर  परिस्थिति  हो,  बस  कीचड़   ही  उछाला  जाता है,
कभी वहाँ धरना, कभी यहाँ धरना बस यही तो आता है।

अपने ही  घर  में  फूट डाल  बस तमाशा  देखने आते हैं,
सेना ही   सुरक्षित  नहीं, साधारण   लोग  घबरा  जाते हैं।

सरकारों की  राजनीति  बस खेल  अपना  खेल जाती है,
चाहे सम्मानित हुए शहीद, सुरक्षा पर सवाल उठ जाते हैं।

राजनीतिवेता आखिर  क्यों देश का नहीं बस सोच पाते हैं,
क्यों  स्वहित  ही  उनके  लिए  हमेशा  अग्रणी  रह जाते हैं।

     शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि।

राजनीतिवेता आखिर  क्यों देश का नहीं बस सोच पाते हैं,
क्यों  स्वहित  ही  उन  के  लिए  हमेशा  अग्रणी रहता है।

शायद हम  में  से  भी  कुछ  बस अपना ही सोच पाते हैं,
जनता में  ही  फूट  डाल कर  बस  लड़ाया  ही  जाता है।
juhigrover8717

Juhi Grover

New Creator