ब्रह्मांड का सार शून्य है इस धारा की आवाज़ शून्य हैं शून्य से ही तो बनी है सृष्टि और शून्य में होना इसे समाप्त है कामनाएँ सब व्यर्थ है, अर्थ सारे निरर्थ है आशा और निराशा की भाती देह आत्मा सब कुछ शून्य है शून्य ही प्रारंभ है मेरा, और पहुंचना है मुझे यहां उत्तरों की खोज में निकला है नचिकेता तू कहा ना यमन कोई यत्न सारे, और ना कोई छल यहां आके अधरों पर कसौटी पल मै बनती बिगड़ती यहां अश्क सारे है सूखते, कैसी है ये विडंबना बंधनों की मोह माया ले कर आई मुझे कहा शून्य ही तो प्रारब्ध था मेरा था पहुंचना तो मुझे यहां क्यो फिर ले आई साकी तू इस उपवन में यहां #NojotoQuote #nojoto #nojotohindi #nojotoquote #शून्य #शून्यता #NojotoFreeHand