फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है हम, तुम्हारे आने की राह तकते हैं हम , और मैंने कभी खुदा को माना ही नहीं, लेकिन तुम्हारे लिए हर दिन खुदा से इबादत करते हैं हम। वीरेंद्र कुमार वर्मा