दिल से लबों तक आकर, अनकही रह गईं जो ज़रूरी बातें, समाज के डर से दिल में दफन होकर रह गईं, वो अधूरी बातें। बड़ी मीठी, नादान, भोली थीं, अरमानों से भरी वो सिंदूरी बातें, रह गईं तो क्या मलाल, लाजवाब थीं मगर वो फितूरी बातें।। ©Ravinder Grewal Ravi #PWArdor #Long_Live_PW #KalamkaarAdhuriBatein #PWians #ProfoundWriters