मैं सूरज था अब अस्त हो गया हूँ सच कह कर तटस्थ हो गया हूँ बात बहुत वाजिब थी मेरी, लेकिन अभिनय से उनकी पस्त हो गया हूँ ज़ायका रिश्तों का इस कदर बिगड़ा अब कड़वाहट का अभ्यस्त हो गया हूँ हार गई जब उम्मीदें सारी संघर्ष में अपने व्यस्त हो गया हूँ ख़्वाबों सा तसव्वुर था मेरे घर का कभी ख़्वाबों की तरह ही मैं ध्वस्त हो गया हूँ #अभिशप्त_वरदान #yqbaba #yqdidi #yqhindi #तटस्थ