मासूम आंखो में हैं जो हजारों सपने कुछ कर गुजरना चाहते हैं जिंदगी के सैलाब में वो भी कश्ती बहाना चाहते है। एक मासूम चमकते रंगों से अपनी दुनिया रंगना चाहता है अपनो को खोया हुआ अब दुनिया पाना चाहता है बस वक्त के दरमियां जो हालात अलग से बन गए हैं अब घिरते बादल में बारिश के फलक से बन गए है कुछ कहानी ऐसी है जो अब भी अधूरी लगती है दूर सितारों की आखें इसके अधूरेपन को रोती है #help#anath#children