वो जो हासिल है सबको और आख़िरी मंज़िल भी है सबकी.... वो जो सुनती है सबकी और जो करती भी है मन की.... वो जो खुद्दार भी है और जो करती प्रहार भी है.... वो जो उम्मीद भी बंधाती है और लहरों से भी टकरा जाती है.... वो जो सुकून भी बरक़रार रखती है और परेशानियों में अमन का हथियार रखती है.... वो जो माँ,बहन,बहू,बेटी के किरदार निभाती है और अकेली होकर भी सैकड़ों बन जाती है.... बस उस हर एक औरत को प्रणाम है जिसनें धरती पे सबको दिया एक नाम है.... आंखों की चमक हेतु यहाँ पढ़ें ❤ वो जो हासिल है सबको और आख़िरी मंज़िल भी है सबकी.... वो जो सुनती है सबकी और जो करती भी है मन की....