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तुम प्रेम समर्पण अवलंबन का आधार हो कृष्ण भूली बिस

तुम प्रेम समर्पण अवलंबन का आधार हो कृष्ण
 भूली बिसरी यादों का हर बहार हो कृष्ण
 जीवन की हर शाम में यादगार हो कृष्ण
 हृदय कुंज के मधुबन का तुम प्यार हो कृष्ण !!

 देवकीनंदन यशोदा के लाल हो कृष्ण
 वासुदेव गोविंद के गोपाल हो कृष्ण
 पापियों की हर पाप का काल हो कृष्ण
 नंद बाबा के मधुबन के नंदलाल हो कृष्ण !!

 मीरा की भक्ति का एक नाम हो कृष्ण
 राधे के प्रेम का गुमान हो कृष्ण
 निधिवन की हर प्यारी के घनश्याम हो कृष्ण
 जगत की हर लीला का आसमान हो कृष्ण !!

 मेरी भक्ति की मूरत का हर छांव  हो कृष्ण
 यादों के पिटारों का एक गांव हो कृष्ण
बरसाने की संगम की हर शाम हो कृष्ण
 संसार के सांसो के भगवान हो कृष्ण  !!

          ----- सौमित्र तिवारी "सचिन"

©Saumitra Tiwari
  #boat_हे_कृष्ण