जिनको स्वामी चाह है, वह खोजे सतगुरू प्यारा ।।टेर।। तन मन धन उन पर दे वारे, नाहिं बीच में पर्दा डारे, रीझेगा करतारे (1) मन को घट में घोटे लाई, नाम रसायन तब बन पाई, राधास्वामी ध्वनि गुंजारा (2) शब्द खाविन्द जब वश में आवे, माया जोरू कहाँ रहावे । हाज़िर रहे उस द्वारा (3) रिद्धि सिद्धि उन सेवा लागे, मुक्त्ति उनके पीछे भागे । सत्तदेश पग धारा (4) जो त्यागे नश्वर आधारा, सतगुरू उनको लेंय सम्हारा । रा धा स्वामी दें दीदारा (5) * राधास्वामी * राधास्वामी प्रीति बानी -7-30 खोजो सतगुरु प्यारा ।