अतीत के पन्नों से📝 सुनो सुन तो रहे हो न हां सुन रहा हूं कहो तुम, बस जा रही हुं मैं यही कहना था कहां जा रही..? डूबने दरिया में लेकिन क्यों.? मैं न कहिं गिर पड़ी कहां..? ...ठीक से बताओ कब तक यूं सताओगी तुम्हारे प्रेम में पड़ गई अब डूबने जा रही तुम्हारी आँखों में ™¶§šB¶शु§भ¶ #अतीत #के #पन्नों #से📝👇 सुनो सुन तो रहे हो न हां सुन रहा हूं कहो तुम, बस जा रही हुं मैं यही कहना था