क्या खूबसूरत सा इस ज़िन्दगी का नजारा है जिसको अब मेरा ज़िंदा रहना भी गवारा है कागज कलम की ही खातिर ज़िंदा हूँ मैं तो और कागज कलम ने ही मुझे रोज मारा है। खूब बदनाम किया है इश्क़ को मैंने भी यूँ तो लेकिन एक अधूरे इश्क़ ने ही मुझे संवारा है। हाशिये पर आज भी कुछ नही लिखता बेशक पर दुनिया के हाशिये पर रहना ही मुझे प्यारा है। किसी खास के भेजे खतों की स्याही मिट चुकी है अब तो उसकी यादों की स्याही ही एक सहारा है। हाँ 'काफ़िर' कहते है यूँ तो सब लोग यहाँ मुझे लेकिन इन्होंने ही काफिरों को हर दफा नकारा हैं। #काफ़िर #nojoto