White स्मृति स्पष्ट वेदनाएं उतर रहीं मेरे नयनों के अश्क से। तेरे जुल्फों में वो छांव कहां, शीतलता की थाह जो ढूंढी थी मैंने। मृत्यु समीप आ जाती रही आंखे पथराई तेरे मृदुचाल से; मेरे जुनून में कोई फरिश्ता नहीं, पर कठोरता में तेरी नादानी ढूंढी थी मैने। तिमिर नहीं मीरा-सा विरह; कभी जला कहां कोई मीरा बनकर। प्रेम में अमृत का भाव था लिए; अब समंदर में प्रेम की अग्नि लगा दी है। ©Saurav life #sad_quotes #sauravlife poetry in hindi hindi poetry sad poetry poetry on love love poetry in hindi