कोई नयन सजल न हो, कोई उदर भूखा न रहे, हर सिर पर छत रहे, हर तन पर रहे परिधान। और अधिक कुछ नहीं चाहिए, बस ऐसा हो हमारा ये जहान।। अहम से वयम की बयार चले स्वार्थ से परमार्थ की ओर चलें। ऐसा हो ये बरस2021 जहां प्यार ही प्यार पले।। दिल की कलम से ©Sneh Prem Chand जहां प्यार ही प्यार पले #2021Wishes