मुस्कराहट में मिलाकर टीस थोड़ी छोड़ आए जोड़ लेना तुम किसी दिन, हम स्वयं को तोड़ आए हो सके तो उन सभी संबोधनों की लाज रखना आशाओ की राह लेकर जो तुम्हारी ठौर आए एक अनबोली निशानी,जब कभी भी याद आए कुछ तुम्हारा सा तुम्हीं में, गर हमारे बाद आए जान लेना कुछ ग़लत है ज़िन्दगी के व्याकरण में श्लोक में आनंद के यदि पीर का अनुवाद आए मत सहेजो अब नई कटुता यहां पर मिसरियां हमने अधर पर छोड़ दी हैं आधी हमने की है आधी तुम पर छोड़ दी है ©Scattered Dangi's #Aspects 🤝