#OpenPoetry वो एक अर्धनारीश्वर घूम रहा बस , रेलगाड़ी में फैलाये हाथों को , भीख नहीं , साहेब ! थोड़ी जगह तुम्हारे समाज में मांगने को । श्रावण मास की हार्दिक शुभकामनाएं