आपदा के इस समय में भी अवसर तलाश रहे हैं कुछ लोग मालामाल बाकी कंगाल हो रहे हैं सरकार भी इस घड़ी नजरें चुरा रहे हैं हर शहर, हर गली में लोग सांसे खरीद रहे हैं कल तक जिस गंगा में डुबकियां लग रहे थे आज उसी में अनगिनत लाशें तैर रहे हैं मेरा नमन जो देव बनकर आंसू पोंछ रहे हैं पर धिक्कार है उनको जो इंसानियत बेच रहे हैं। आपदा के इस समय में भी अवसर तलाश रहे हैं। ©Rajesh Roy #अवसर तलाश रहे हैं। #corona #nojoto #coachrajeshroy #mindtrainerrajeshroy #inspirationwithRKR #zindagikerang