अंदर से टूटे हुए लोग हँसते बहुत है , ग़म छुपाने की कोशिशें करते बहुत है। दिल में ही रखते अपने दिल की बातें , ज़ाहिर कर उनको खोने से डरते बहुत है। ख़ुद की झोली में चाहें ग़म-ए-बरक़त हो , दूसरों की झोली में खुशियाँ भरते बहुत है। रात के घने अँधेरे में अकेले बैठ तन्हाई में , हमनवाँ के लिए जज़्बात उभरते बहुत है। हाथ से हाथ औ' साथ छूटने पर हमनवां का , उसकी याद में वो पल पल मरते बहुत है। वो हर पल पास नहीं है मेरे तो क्या हुआ , साँस बनकर धड़कनों में ठहरते बहुत है। ' आरू 'अपना वजूद ही है बस काँच -सा , हम तो बस टूटकर बिखरते बहुत है ©आराधना . . . . . . . #shabdshringaar #Writersofinstagram #igpoets #wordporn #writersofindia #micropoetry #aarukibaatein #meri_aapbeeti_ #aabhawrites #aaruswrites #saju #sajal #meriaapbeeti