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इश्क़ का अंजाम बंदिशें ना लगाओ, उन्हें आज़ाद छोड़ दो.

इश्क़ का अंजाम बंदिशें ना लगाओ, उन्हें आज़ाद छोड़ दो..।

प्यार हो या पंछी, शाम को लौटेंगे जरूर.।


#स्नेह❤️ बंदिशें ना लगाओ, उन्हें आज़ाद छोड़ दो..।

प्यार हो या पंछी, शाम को लौटेंगे जरूर.।


#स्नेह❤️

#sirsawali #sneh
इश्क़ का अंजाम बंदिशें ना लगाओ, उन्हें आज़ाद छोड़ दो..।

प्यार हो या पंछी, शाम को लौटेंगे जरूर.।


#स्नेह❤️ बंदिशें ना लगाओ, उन्हें आज़ाद छोड़ दो..।

प्यार हो या पंछी, शाम को लौटेंगे जरूर.।


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