स्त्री जीवन एक पर्ची पर लिखा था "अस्तित्व" मैंने मां को लिख दिया..! दूसरी पर्ची पर लिखा था "व्यक्तित्व" मैंने पिता को लिखा दिया..! तीसरी पर्ची पर लिखा था "कीमत" मैंने घर को लिख दिया..! चौथी पर्ची कुछ द्वंद्व से भरी थी "संघर्ष" मैंने आईना लिख दिया..! आखिरी पर्ची पर लिखा था "फ़ैसला" मैंने स्त्री लिख दिया..! ©Writer Mamta Ambedkar #chaandsifarish प्रेरणादायी कविता हिंदी प्रेम कविता देशभक्ति कविताएँ प्यार पर कविता हिंदी कविता