सुन ना! तेरी बहुत याद आती है,पर तुझे आवाज नहीं दूँगी । ख्वाबों में रुलाती है और हक़ीक़त में तकिया भिंगा जाती है,पर तुझे आवाज नहीं दूँगी । टूट जाऊँगी,टूटकर बिखर जाऊँगी,पर तुझे आवाज नहीं दूँगी । तुझसे इश्क़ करने की हर सजा खुद को दूँगी,पर तुझे आवाज नहीं दूँगी । नहीं दूँगी ।