काश हम फिर बच्चे बन जाते भूल सारी दुनियांदारी हम खुद में खो जाते कभी जो डांटता कोई जोर से झट आंख मिच रोने लग जाते सोते सुनकर मां की प्यारी लोरी रात को उठ सुबह फिर खुद को उनकी गोद मे पाते काश हम फिर बच्चे बन जाते अगर जो जाते हम स्कूल रोज सवेरे गुरुजन के प्यारे हम कहलाते कभी जो उत्तर देते दो एक तो फिर कक्षा में खूब इठलाते काश हम फिर बच्चे बन जाते थक जाते कंधे बस्ते के बोझ से तो घर आकर हम फिर सो जाते उठते जो फिर देर शाम को तो गली में जाकर खूब दौड़ लगाते काश अगर हम फिर बच्चे बन जाते ये जिम्मेदारियों के बोझ खुद उतर जाते................ ~आशुx ©Madhav #schoollifedosti #Schoollife #Schoolmemory #SchoolKaPehlaDin