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मेरा वो मासूम बचपन ना, जाने कहां खो गया है, मां क

मेरा वो मासूम बचपन ना,
 जाने कहां खो गया है,
मां की गोद में सोना और,
पापा की डांट खा कर रोना,
ना जाने कहां खो गया है,
भाईयों संग शरारत करके,
फिर उनसे रुठ़ जाना,
ना जाने कहां खो गया है,
मेरा वो मासूम बचपन ना जाने कहां खो गया है।
मेरा वो मासूम बचपन ना,
 जाने कहां खो गया है,
मेरा दोस्तों संग स्कूल जाना,
और आधी छुट्टी को दोस्तों संग,
खेलना कूदना ना जाने कहां खो,
गया है।
मेरा वो मासूम बचपन ना जाने कहां खो गया है।
मेरा वो मासूम बचपन ना,
जाने कहां खो गया है,
जिंदगी की धूप में और सपनों को,
पाने की चाह में,
और  मेरा बेफिक्र होकर हसना ना,
 जाने कहां खो गया है।
धुंधुली सी यादों में थोड़ा,
 सा संग रह गया है,
मेरा वो मासूम बचपन ना जाने कहां खो गया है।
Meenakshi Sharma बचपन ना जाने कहां खो गया है
मेरा वो मासूम बचपन ना,
 जाने कहां खो गया है,
मां की गोद में सोना और,
पापा की डांट खा कर रोना,
ना जाने कहां खो गया है,
भाईयों संग शरारत करके,
फिर उनसे रुठ़ जाना,
ना जाने कहां खो गया है,
मेरा वो मासूम बचपन ना जाने कहां खो गया है।
मेरा वो मासूम बचपन ना,
 जाने कहां खो गया है,
मेरा दोस्तों संग स्कूल जाना,
और आधी छुट्टी को दोस्तों संग,
खेलना कूदना ना जाने कहां खो,
गया है।
मेरा वो मासूम बचपन ना जाने कहां खो गया है।
मेरा वो मासूम बचपन ना,
जाने कहां खो गया है,
जिंदगी की धूप में और सपनों को,
पाने की चाह में,
और  मेरा बेफिक्र होकर हसना ना,
 जाने कहां खो गया है।
धुंधुली सी यादों में थोड़ा,
 सा संग रह गया है,
मेरा वो मासूम बचपन ना जाने कहां खो गया है।
Meenakshi Sharma बचपन ना जाने कहां खो गया है