ज्ञानी होना नदी होना नहीं आपूर्ति अंतरिक्ष समुंदर और प्राकृतिक होना है जो समस्त सांसारिक बहारों को सहज भाव से स्वीकार करती है किंतु विषम से विषम परिस्थिति में भी अपनी प्रवृत्ति को कभी नहीं बदलती वही ज्ञान का स्वरूप है अर्थात वह अनुभूति की गहनता ज्ञान का रूट धर्म है ©Ek villain जो समस्त सांसारिक अपराधों को सहज भाव से स्वीकार करें वही ज्ञान है