मेरा धर्म के नाम पे आतंकवादी हो जाना बिना वारंट के मुझे जेल लेके जाना और घंटो तक मुझपे डंडे बरसाना ये कहा का न्याय है मेरे पैदा होते ही मुझको कलंकित करदेना छोटी छोटी खुशियों से वंचित करदेना मेरे बचपन को मुझसे खंडित कर देना मेरी चिके मेरे जख्मो को देश पे चर्चित करदेना ये कहा का न्याय है ........ न्याय 2.0