मुझे जीने के लिए मेरी महफिल ही काफी है, दौलत के साथ थोड़ी शोहरत भी काफी है | आवाज देता हू उनको मैं जो मेरी औकात दौलत से रखते हैं | अरे मैं शायर हू गुजरने के बाद भी मेरी जिंदगी शब्दों मे ही काफी है मुझे जीने के लिए मेरी महफिल ही काफी है #