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ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या कहूँ, मेरे साथ तूने क्या कि

ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या कहूँ,
 मेरे साथ  तूने क्या किया।
जहाँ आस का कोई दिया(दीपक) नहीं,
 मुझे उस नगर में पहुंचा दिया।
न मैं रुक सकूं, न मैं बढ़ सकूं, 
ना दिल की बात समझ सकूं ,
 तुझे क्या कहूं तूने क्या किया,
मुझे मंज़िलों की खबर तो दी, 
पर रास्तों को उलझा दिया।
ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या पता,
 यहाँ किसने किसको गंवा दिया।
ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या कहूँ, 
मेरे साथ  तूने क्या किया।।

©Sweta bhardwaj #वेजुबां_लफ्ज #शायरा
ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या कहूँ,
 मेरे साथ  तूने क्या किया।
जहाँ आस का कोई दिया(दीपक) नहीं,
 मुझे उस नगर में पहुंचा दिया।
न मैं रुक सकूं, न मैं बढ़ सकूं, 
ना दिल की बात समझ सकूं ,
 तुझे क्या कहूं तूने क्या किया,
मुझे मंज़िलों की खबर तो दी, 
पर रास्तों को उलझा दिया।
ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या पता,
 यहाँ किसने किसको गंवा दिया।
ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या कहूँ, 
मेरे साथ  तूने क्या किया।।

©Sweta bhardwaj #वेजुबां_लफ्ज #शायरा