ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या कहूँ, मेरे साथ तूने क्या किया। जहाँ आस का कोई दिया(दीपक) नहीं, मुझे उस नगर में पहुंचा दिया। न मैं रुक सकूं, न मैं बढ़ सकूं, ना दिल की बात समझ सकूं , तुझे क्या कहूं तूने क्या किया, मुझे मंज़िलों की खबर तो दी, पर रास्तों को उलझा दिया। ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या पता, यहाँ किसने किसको गंवा दिया। ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या कहूँ, मेरे साथ तूने क्या किया।। ©Sweta bhardwaj #वेजुबां_लफ्ज #शायरा