मंत्र प्रयास किए जाएं तो सफलता अवश्य मिलती है कई लोग खेती को घाटे का सौदा मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है समय के साथ चलकर कृषि से आत्मनिर्भर बनकर दूसरों को रोजगार दिया जा सकता है हमाचल प्रदेश में ऐसे कुछ लोग दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं जो खेती से आत्मनिर्भर बने हैं उनमें अन्य को भी रोजगार उपलब्ध करवाया खास बात यह है कि कई लोग सरकारी नौकरी छोड़कर खेती-बाड़ी में भविष्य संवार रहे हैं सोलन जिले के लालगढ़ उपमंडल के अनुभव बंसल हो या मंडी जिला के गोवर निवासी कुंदनलाल दोनों मिलकर नौकरी छोड़कर खेतीवाड़ी को दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं दोनों ने प्राकृतिक खेती को प्रमुखता दी है और नए प्रयोग भी किए हैं उन्होंने जमीन लीज पर भी ले ली है यह सही है कि कई क्षेत्रों में बेसहारा पशु और जंगली जानवरों की वजह से किसानों ने कृषि छोड़ दी लेकिन इन क्षेत्रों में कई लोगों ने किसी की प्रमुखता दी है वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण कई लोगों की जब नौकरी छूट गई तो उन्होंने खेतीवाड़ी को अपनाया था इस दौरान उन्होंने बेहतर आमदनी अर्जित की हालात ठीक होने के बाद भी कई लोग किसी कर रहे हैं महामारी के बाद प्राकृतिक खेती से होने वाली फसलों की मांग बढ़ी इनके दाम भी अच्छे मिल रहे हैं आज के दौर में लोग सरकारी नौकरी की अहमियत देते हैं लेकिन यह संभव नहीं है कि किसी को भी सरकारी नौकरी मिल सके कृषि क्षेत्र में काफी संभावना है लेकिन इसके लिए नए प्रयोग करने की जरूरत जरूरत है प्रदेश में कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां संचार के लिए बहुत अधिक खर्च नहीं करना पड़ता है सरकार भी प्राकृतिक खेती के लिए मदद कर रही है कृषि विभाग ने भी किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई हैं कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ भी किसानों को नई तकनीक के साथ सफलता के रखरखाव बेहतर उत्पन्न के लिए समय-समय पर जानकारी देते हैं की जानी चाहिए कि किसान सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बने ©Ek villain # कृषि से खुशियां ली #faraway